हिंदी के जाने-माने
कवि अरुण कमल ने कहा है कि वे एजरा पाउंड की इस धारणा से पूरी तरह सहमत हैं कि
कविता हमेशा खबर बनी रहती है। अरुण कमल आज महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी
विश्वविद्यालय के कोलकाता केंद्र में साहित्य व पत्रकारिता पर आयोजित संगोष्ठी को
संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता हम तक खबरों को पहुंचाती है जबकि
कविता हमेशा खबर बनी रहती है जैसा कि एजरा पाउंड ने कहा था।
संगोष्ठी को संबोधित
करते हुए आलोचक शंभुनाथ ने कहा कि चौथा खंभा माना जानेवाला मीडिया आज जन का नहीं
रहकर बाजार का हो गया है। आज पत्रकारिता जनता का माध्यम नहीं रह गया है, बल्कि
जनता तक पहुंचाने का माध्यम है।
कवि-गायक मृत्युंजय
कुमार सिंह ने कहा कि पत्रकारों को सदैव शालीन आचरण करना चाहिए। उनकी अभिव्यक्ति
की भाषा भी बिलकुल शालीन होनी चाहिए। आरंभ में हिंदी विश्वविद्यालय के एसोसिएट
प्रोफेसर तथा कोलकाता केंद्र के प्रभारी डा. कृपाशंकर चौबे ने स्वागत भाषण तथा
सहायक क्षेत्रीय निदेशक प्रकाश त्रिपाठी ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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