सोमवार, 16 जुलाई 2012


सरबजीत-1

सरबजीत की बेटी बड़ी हो गयी है
उसने नहीं देखा  अपनी  आँखों से
दिन ब दिन  बढती हुई अपनी बेटी को
बेटी ने भी नहीं देखा अपने पिता को
जब वह बड़ी हो रही थी
बाईस साल गुज़र गए
बीवी..मां ..बेटी ...बहन .............
सबके सब ......बाईस बरस ......
कितना  कुछ  बदल गया है सरबजीत के घर.....
हर दिन... कोई उसके इंतज़ार में ...
सरबजीत लौटेगा....?

सरबजीत-२

कितने सरबजीतों  ने
नहीं देखा होगा   अपनी बेटियों को बड़ी होती हुई ?
और जब वो ब्याही होंगी तब भी
नहीं देखा होगा  अपनी बेटियों को ...

उनकी बेटियों ,माँओं, बहनों , बीवियों के हिस्से में
क्यों इतने आंसू आते हैं ?
क्योंकि वे जननी हैं
नष्ट होता हुआ नहीं देखना चाहती अपने सृजन को.......
रोक लेना चाहती है उन सारे  युद्धों  को .......
जहाँ उनका सृजन नष्ट हो रहा है ..........

रेणु कुमारी
शोधार्थी

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