बुधवार, 18 जुलाई 2012



दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्राएं हिंदी विश्वविद्यालय में
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा में बुधवार को दिनभर दिल्ली  विश्वविद्यालय के अध्या‍पक व छात्राएं ज्ञानोदय एक्सदप्रेस के तहत विश्वविद्यालय परिसर का भ्रमण करती रहीं। इस दल में दिल्ली विश्वविद्यालय के 35 महाविद्यालयों की 886 छात्राएं व 65 अध्यापक शामिल थे। ये दल पिछले 08 जुलाई से शैक्षिक भ्रमण पर निकला  है ।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय के गांधी हिल पर आयोजित भव्य स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए कुलपति विभूति नारायण राय ने कहा कि गांधी जी की मुख्य कर्मभूमि, वर्धा में स्थापित यह विश्वविद्यालय दिखने में छोटा जरूर है पर हमारा दिल बड़ा है। वर्धा शहर आजादी की लड़ाई का प्रमुख केन्द्र रहा है। देश की  आजादी के अधिकांश फैसले यहीं पर लिये गये। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. दूबे तथा परमिंदर कौर का स्वागत चरखा, सूत की माला तथा पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया गया।
समारोह का संचालन विश्वविद्यालय के बौद्ध अध्ययन केन्द्र के प्रभारी डॉ. सुरजीत सिंह ने किया तथा कुलसचिव डॉ.के.जी. खामरे ने आभार किया। विदित हो कि दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र तथा अध्यापक पिछले दस दिनों से भारत भ्रमण पर हैं। ये दल ज्ञानोदय एक्सप्रेस के नाम से अपनी निजी ट्रेन बुक कराकर 8 जुलाई से 19 जुलाई 2012 तक भारत भ्रमण पर निकला  है । यह दल साबरमती आश्रम, मुंबई, बंगलौर, मैसूर, गोवा आदि स्थानों का  भ्रमण करते हुए बुधवार को वर्धा पहुंचा । दल ने वर्धा में बापू कुटी, पवनार आश्रम तथा महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय का भ्रमण किया ।
 इस रेल का मुख्य उद्देश्य अध्यापक, छात्रों व महिलाओं में पश्चिमी भारत में लोगों की विविधताओं को लेकर गांधीवादी विचारधारा का प्रचार करना है। इस यात्रा के आधार पर छात्रायें स्टडी कंपार्टमेंट, खानपान की आदतों, सामाजिक पहलुओं को मंच पर लाने, कृषि, भाषा व साहित्य  अथवा क्षेत्रीय जातीयता के लिए पुस्तक की समीक्षा करेंगी  तथा उनके अनुभवों को बांटने व गांधी के विचारों व आत्मन-सहायता की विचारधारा के पहलुओं को एकीकृत कर आधुनिक भारत के सामने रखेंगी ।

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