सोमवार, 20 मई 2013


हिंदी विवि के बौद्ध अध्‍ययन केंद्र को थाइलैण्‍ड की बुद्ध मूर्ति भेंट


महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के भदंत आनंद कौसल्‍यायन बौद्ध अध्‍ययन केंद्र को थाईलैण्‍ड के भिक्षु अचानकाई द्वारा बनाई गयी बुद्ध मूर्ति भेंट स्‍वरूप प्रदान की गयी है। इस मूर्ति को महानाग शाक्‍य मुनी विज्‍जासन, नागपुर के अध्‍यक्ष भंते विमतकित्‍ती गुणसरी, भंते आनंद और चंद्रकित्‍ती के सहयोग से विश्‍वविद्यालय में लाया गया।
इस मूर्ति को विश्‍वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. कैलाश खामरे, वित्‍ताधिकारी संजय गवई, विशेष कर्तव्‍य अधिकारी नरेन्‍द्र सिंह, बौद्ध अध्‍ययन केंद्र के प्रभारी सहायक प्रोफेसर सुरजीत सिंह, हिंदी अधिकारी राजेश यादव तथा जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे सहित विभाग के छात्रों की प्रमुख उपस्थिति में सावंगी मेधंकर विभागीय पुस्‍तकालय में रखा गया। इस अवसर पर भदंत आनंद कौसल्‍यायन बौद्ध अध्‍ययन केंद्र के प्रभारी सुरजीत सिंह ने कहा कि यह स्‍वर्णीम प्रतिमा पदमासन की अवस्‍था में बनाई गयी है और यह 3.75 फिट उंची और 185 किलो ग्राम वजन की है। सुरजीत सिंह ने आगे कहा कि विश्‍वविद्यालय में भदंत आनंद कौसल्‍यायन के शिष्‍य सावंगी मेधंकर के नाम पर विभागीय पुस्‍तकालय को शुरू करने, विभाग में बौद्ध अध्‍ययन में एम. फिल. और पी. एचडी. आदि उच्‍च शिक्षा की दिशा में पाठ्यक्रम आरंभ करने तथा अंतरराष्‍ट्रीय शोध पत्रिका संगायन का संपादन कर उसे प्रकाशित करने के प्रयासों के लिए इस मूर्ति को भेंट स्‍वरूप प्रदान किया गया है। इसके लिए उन्‍होंने भिक्षु अचान काई और महानाग शाक्‍य मुनी विज्‍जासन, नागपुर के अध्‍यक्ष विमलकित्‍ती सहित उनके सहयोगी भंते का धन्‍यवाद व्‍यक्‍त किया। उन्‍होंने बताया कि आने वाले वर्षों में विभाग में एक संग्रहालय आकार लेगा जिसमें विदर्भ के सेलु, चंद्रपुर, भद्रावती, पवनी आदि क्षेत्रों से बुद्ध मूर्तियां प्राप्‍त की जाएगी और उसे संग्रहालय में सुरक्षित रखा जाएगा। कार्यक्रम का संचालन बी. एस. मिरगे ने किया। इस अवसर पर रजनिश अम्‍बेडकर, वसिष्‍ठ भगत, वृंदावन मून, ब्रिजेश यादव, रवीन्‍द्र मुंडे, राजकुमार, विजयकुमार यादव, सुभाष कांबले, भूषण सालवे तथा अमन ताकसांडे उपस्थित थे।  

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