सोमवार, 10 मार्च 2014

हिंदी विश्वविद्यालय में नये कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र का स्वागत



महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. गिरीश्‍वर मिश्र ने उनके स्‍वागत समारोह में शिक्षक समुदाय से अपील की कि आज की शिक्षा पद्धती व्‍याख्‍यान मूलक हो गयी है। बदलते समय के परिप्रेक्ष्‍य में हमें इसे संवादमूलक बनाने की आवश्‍यकता है। नये कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद शुक्रवार को विश्‍वविद्यालय के शिक्षक संघ, शिक्षकेतर कर्मचारी संघ, फेकल्टि एण्‍ड ऑफीसर्स क्‍लब तथा साख संस्‍था की तरफ से उनका स्‍वागत किया गया। अपने स्‍वागत समारोह में कुलपति प्रो. मिश्र ने आगे कहा कि आज के समय में समस्‍या सूलझाने के लिए गांधी विचार अधिक प्रांसगिक है। यह विश्‍वविद्यालय गांधी विचारों का आईना है और हम इसे गांधीजी के विचारों का आधार बनाकर शिक्षा का उत्‍कृष्‍ट केंद्र बनाना चाहते हैं।

हबीब तनवीर सभागार में आयोजित स्‍वागत समारोह की अध्‍यक्षता वरिष्‍ठ प्रोफेसर प्रो. मनोज कुमार ने की। समारोह में कुलसचिव एवं वित्‍ताधिकारी संजय गवई, वरिष्‍ठ प्रोफेसर मनोज कुमार, कुलानुशासक प्रो. सूरज पालीवाल, नाट्यकला एवं फिल्‍म अध्‍ययन विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. सुरेश शर्मा, शिक्षक संघ के उपाध्‍यक्ष डॉ. अनिल दुबे, शिक्षकेतर कर्मचारी संघ के अध्‍यक्ष विजयपाल पांडे मंचस्‍थ थे। इस अवसर पर पूर्व कुलसचिव डॉ. कैलाश खामरे प्रमुखता से उपस्थित थे। समारोह में कुलपति प्रो. मिश्र का स्‍वागत करते हुए प्रो. मनोज कुमार ने कहा कि गांधी विचारों पर अमल करने से हम अनेक मुश्किलों से निजात पा सकते हैं। उनके विचारों की शक्ति से हम बुराईयों पर विजय प्राप्‍त कर सकते हैं।
कुलसचिव एवं वित्‍ताधिकारी संजय गवई ने कहा कि कुलपति प्रो. मिश्र प्रशासनिक दृष्टि से भी रचनात्‍मक और सक्षम हैं। हम उनका स्‍वागत करते हैं। प्रो. सुरेश शर्मा ने कहा कि विश्‍वविद्यालय में संवादमूलक शिक्षा पद्धती अपनाने का कुलपति ने जो सुझाव दिया है उस दिशा में शिक्षक समुदाय आगे बढ़ेगा। शिक्षक संघ के अध्‍यक्ष डॉ. अनिल दुबे ने कहा कि अकादमिक उत्‍कृष्‍टता के प्रयासों को सफल बनाने के लिए हम सभी शिक्षक कुलपति के साथ हैं। विजयपाल पांडे ने आशा व्‍यक्‍त की कि आने वाले समय में विश्‍वविद्यालय में नई कार्य संस्‍कृति विकसित होगी।  समारोह का संचालन प्रो. सुरेश शर्मा ने किया तथा धन्‍यवाद ज्ञापन कुलानुशासक प्रो. सूरज पालीवाल ने प्रस्‍तुत किया। समारोह में शिक्षक तथा शिक्षकेतर कर्मचारी, अधिकारी एवं छात्र बड़ी संख्‍या में उपस्थित थे।

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