बुधवार, 5 मार्च 2014

प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने हिंदी विश्वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण किया



दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर तथा जाने-माने मनोविज्ञानी प्रो. गिरीश्‍वर मिश्र ने बुधवार  को महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति के रूप में कार्यभार ग्रहण कर लिया है। कार्यकारी कुलपति प्रो. मनोज कुमार ने नए कुलपति के रूप में प्रो. मिश्र को कार्यभार सौंपा।
इस अवसर पर कुलसचिव एवं वित्‍ताधिकारी संजय गवई, उपकुलसचिव, स्‍थापना एवं प्रशासन  पी. एस. सिंह, उपकुलसचिव अकादमिक का़दर नवाज़ ख़ान, विशेष कर्तव्‍य अधिकारी नरेंद्र सिंह, हिंदी अधिकारी राजेश यादव, सहायक कुलसचिव राजेश अरोड़ा, ज्‍योतिष पायेंड़, जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। निवर्तमान कुलपति प्रो. मनोज कुमार ने प्रो. मिश्र का पुष्‍पगुच्‍छ देकर स्‍वागत किया तथा उन्‍हें अधिकारिक रूप में कार्यभार प्रदान किया। कार्यभार ग्रहण करने के बाद कुलपति ने अपने संदेश में कहा कि हिंदी भाषा समृद्ध साहित्‍य के साथ-साथ व्‍यापक क्षेत्र में प्रयुक्‍त माध्‍यम भी है। यह विश्‍वविद्यालय सामाजिक विकास और समाज के एक व्‍यापक वर्ग की अभिव्‍यक्ति की संभावनाओं को आकार देने में हिंदी की भूमिका को अधिक सशक्‍त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। भाषा, साहित्‍य, समाज विज्ञान, पत्रकारिता तथा कला आदि विभिन्‍न क्षेत्रों में अध्‍ययन, शोध और नवाचार के अनेक उपक्रमों में यह विश्‍वविद्यालय संलग्‍न है। हमें विश्‍वास है कि विश्‍वविद्यालय परिवार के सभी सदस्‍य इस कार्य में शामिल होकर उपलब्धि के नए मानदंड स्‍थापित करेंगे। उन्‍होंने कहा कि इस शैक्षणिक एवं सामाजिक प्रयास में आप सबका हार्दिक स्‍वागत है। मान‍व संसाधन विकास मंत्रालय, उच्‍चतर शिक्षा विभाग, नई दिल्‍ली द्वारा प्राप्‍त आदेश पर प्रो. मिश्र की नियुक्ति की गयी है।
    प्रो. गिरीश्‍वर मिश्र दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग में सन 1993 से कार्यरत प्रोफेसर के रूप में थे। इसके पहले वे भोपाल विश्‍वविद्यालय में मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर रहे हैं। उन्‍होंने इलाहाबाद तथा गोरखपुर विश्‍वविद्यालय में भी रीडर एवं लेक्‍चरर के रूप में कार्य किया है। उन्‍होंने मनोविज्ञान के साथ-साथ विभिन्‍न विषयों पर लगभग 25 से अधिक पुस्‍तकें लिखी हैं तथा उनका संपादन किया है।  वे नेशनल एकेडमी ऑफ साइकोलॉजी के अध्‍यक्ष है। वे जर्मनी, ब्रिटेन तथा अमेरिका के विभिन्‍न विश्‍वविद्यालयों में अतिथि अध्‍यापक रहे हैं। उनके निर्देशन में 31 शोधार्थियों ने पीएच.डी. उपाधि प्राप्‍त की है तथा 50 शोधार्थियों को एम.फिल्. की उपाधि प्राप्‍त हुई है। वे साइकोलाजी करिकुलम कमेटी, सीबीएसई, नई दिल्‍ली तथा नेशनल इंस्‍टीटयूट फॉर ओपन स्‍कूलिंग के अध्‍यक्ष हैं। पूर्व में वे इंडियन काउंसिल ऑफ फिलोसाफिकल रिसर्च के रिसर्च प्रोजेक्‍ट कमेटी के सदस्‍य, भारतीय समाजविज्ञान अनुसंधान परिषद के काउंसिल सदस्‍य, यूजीसी के सब्‍जेक्‍ट पेनल के सदस्‍य तथा दिल्‍ली विश्‍वविद्यालय में कला संकाय के अधिष्‍ठाता भी रहे हैं।
    प्रो. मिश्र ने कार्यभार ग्रहण करते की विश्‍वविद्यालय के प्रशासनिक तथा शैक्षणिक गतिविधियों का जायज़ा लिया और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्‍होंने विश्‍वविद्यालय की अकादमिक उत्‍कृष्‍टता के लिए प्रयास करने की आवश्‍यकता पर बल देते हुए आने वाले दिनों में विश्‍वविद्यालय को अंतरराष्‍ट्रीय पहचान दिलाने में सबसे  सहयोग की अपेक्षा व्‍यक्‍त की।  

4 टिप्‍पणियां:

  1. हार्दिक प्रसन्नता की अनुभूति हुई। मुझे विश्वास है की आप अवश्य अपनी रचनात्मक एवं प्रशासनिक प्रतिभा के बल पर नवीन प्रतिमान स्थापित करने में सफल होंगे।
    इस बार 14 जनवरी के बाबूजी के जन्मदिवस के कार्यक्रम में आप से भेंट नहीं हो स्की;हर बार होती रही ।पुन:कुलपति बनाये जाने की बधाई और शुभकामनाएं।
    प्रो*राजीव द्विवेदी(इतिहास)महात्मा गाँधी कशी विद्यापीठ,वाराणसी ।

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  2. हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं।

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  3. Congratulations Sir, I feel Really obliged, and honoured that you taught us.. You have been great teacher in every sense..

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