शुक्रवार, 26 अप्रैल 2013


शैक्ष्‍ाणिक आदान-प्रदान से भारत-चीन संबंध होंगे मजबूत- कुलपति राय

शैक्षणिक आदान-प्रदान से भारत और चीन के संबंधों में और मजबूती
आएगी। उक्‍त वक्‍तव्‍य महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय ने दिये। वे विश्‍वविद्यालय में चीन से हिंदी सीखने आए छात्रों के विदाई समारोह में बतौर अध्‍यक्ष बोल रहे थे।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. कैलाश खामरे, वित्‍ताधिकारी संजय गवई, भाषा विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल मंचासीन थे। विश्‍वविद्यालय के भाषा विद्यापीठ के सभागार में चीन के छात्रों को बुधवार को एक समारोह में विदाई दी गयी। विद्यार्थियों ने ‘अंतरराष्‍ट्रीय छात्रों के लिए हिंदी में डिप्‍लोमा पाठ्यक्रम’ में प्रवेश लिया था। चे विद्यार्थी जियांग फारेन स्‍टडीज यूनिवर्सिटी और पेचिंग फॉरेन स्‍टडीज यूनिवर्सिटी, चीन से विश्‍वविद्यालय में आए थे। इस अवसर पर सभी छात्रों को कुलपति राय द्वारा प्रमाण पत्र एवं वित्‍ताधिकारी संजय गवई द्वारा स्‍मृतिचिन्‍ह प्रदान किये गये।
प्रारंभ में भाषा विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्‍ल ने प्रास्‍ताविक वक्‍तव्‍य दिया। उन्‍होंने विदेशी छात्रों के लिए चलाए जा रहे विभिन्‍न पाठ्यक्रमों की जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन स्‍पेनिश भाषा के सहायक प्रोफेसर रवि कुमार ने किया तथा धन्‍यवाद ज्ञापन प्रो. उमाशंकर उपाध्‍याय ने किया। इस दौरान उपकुलसचिव कादर नवाज खान, अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. देवराज, जगदीश दॉंगी, डॉ. डी. एन. प्रसाद, डॉ. अनिल कुमार पाण्‍डेय, रयाज हसन, धनजी प्रसाद आदि प्रमुखता से उपस्थित थे।
 

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