गुरुवार, 26 सितंबर 2013

भारतीय गांधी अध्‍ययन समिति का 36 वां वार्षिक राष्‍ट्रीय अधिवेशन वर्धा में आज से



विधायक प्रा. सुरेशभाऊ देशमुख होंगे उदघाटन समारोह के अध्‍यक्ष, गांधी चिंतन पर होगी चर्चा   

महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय, वर्धा में भारतीय गांधी अध्‍ययन समिति का 36 वां तीन दिवसीय वार्षिक राष्‍ट्रीय अधिवेशन शुक्रवार दि. 27 से शुरू होगा जिसका उदघाटन विश्‍वविद्यालय के अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ भवन के प्रांगण में ‘हिंद स्‍वराज भवन’ में सुबह 10.00 बजे होगा।
29 सितंबर तक चलनेवाले अधिवेशन के उदघाटन समारोह की अध्‍यक्षता वर्धा निर्वाचन क्षेत्र के विधायक प्रा. सुरेशभाऊ देशमुख करेंगे। उदघाटन समारोह में मुख्‍य अतिथि के रूप में न्‍यायमूर्ति चंद्रशेखर धर्माधिकारी उपस्थित रहेंगे। समारोह के मुख्‍य वक्‍ता होंगे लोकसभा के पूर्व सांसद तथा गांधी चिंतक रामजी सिंह, गुजरात विश्‍वविद्यालय, अहमदाबाद के कुलपति सुदर्शन आयंगार और सिंहानिया विश्‍वविद्यालय, राजस्‍थान के पूर्व कुलपति सोहनराज तातेड़। विश्‍वविद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय उदघाटन समारोह में स्‍वागत वक्‍तव्‍य देंगे। समारोह का प्रास्‍ताविक भारतीय गांधी अध्‍ययन समिति के अध्‍यक्ष एवं डॉ. बाबासाहब आंबेडकर मराठवाडा विश्‍वविद्यालय, औरंगाबाद के पूर्व कुलपति डॉ. शिवराज नाकाडे करेंगे। समारोह का संचालन सहायक प्रोफेसर राकेश मिश्रा करेंगे तथा विश्‍वविद्यालय के अहिंसा एवं शांति अध्‍ययन विभाग के अध्‍यक्ष व अधिवेशन के स्‍थानीय सचिव डॉ. नृपेंद्र प्रसाद मोदी धन्‍यवाद ज्ञापन प्रस्‍तुत करेंगे। अधिवेशन में देश भर के गांधी विचारक, चिंतक, कार्यकर्ता एवं छात्रों समेत 200 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहेंगे। उदघाटन के पहले पूवाह्न 9.30 बजे मुख्‍य अतिथि द्वारा गांधी हिल्‍स पर बनी गांधी प्रतिमा पर पुष्‍पांजलि अर्पित की जाएगी और परिसर में वृक्षारोपण किया जाएगा। बाद में संस्‍कृति विद्यापीठ के भवन का नामकरण एवं लोकनायक जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा का अनावरण किया जाएगा।
इस अधिवेशन का मुख्‍य विषय होगा ‘‘प्राकृतिक संसाधनों की राजनीति और स्‍वामित्‍व का प्रश्‍न : गांधीवादी हस्‍तक्षेप’’ अधिवेशन के उप-विषय होंगे प्राकृतिक संसाधन : मुद्दे और चुनौतियां, प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण’, जल, जंगल और जमीन का संरक्षण’, संसाधन और संघर्ष : बाहर निकलने के गांधीवादी रास्‍ते’, संपत्ति पर नियंत्रण का सवाल : हिंसक बनाम अहिंसक संघर्ष’, सभ्‍यता का संकट और उसका समाधान’, राष्‍ट्र राज्‍य की केंद्रीयता और स्‍वराज का विकेंद्रीकरण’, विकास और न्‍यासिता : वैचारिक विश्‍लेषण तथा सुशासन और धारणीय विकास इन विषयों पर मुक्ति बोध भवन में कस्‍तुरबा, प्रभावती तथा नेल्‍सन मंडेला के नाम पर बने कक्ष में समानांतर सत्रों में चर्चा होगी। इस अधिवेशन का एक सत्र 28 सितंबर को गांधी विचार की प्रेरणास्‍थली सेवाग्राम स्थित शांति भवन, बुनियादी तालीम के परिसर में सम्‍पन्‍न होगा। अधिवेशन में देशभर से आए प्रतिभागी शोध-पत्र प्रस्‍तुत करेंगे।
अधिवेशन के उदघाटन समारोह में अतिथियों के द्वारा स्‍मारिका का प्रकाशन किया जाएगा जिसमें देशभर के गांधी विचारकों के आलेख शामिल हैं। स्‍मारिका में प्रकाशित उत्‍कृष्‍ट  प्रथम तीन आलेखों को सोहन राज लक्ष्‍मी देवी तातेर पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया जाएगा। अधिवेशन के दौरान सांस्‍कृतिक संध्‍या में 28 सितंबर को सुप्रसिद्ध लोकगायिका मालिनी अवस्‍थी का लोकगायन होगा। इस अधिवेशन में उपस्थित रहने की अपील डॉ. नृपेंद्र प्रसाद मोदी ने की है।

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