हिंदी विश्वविद्यालय और महात्मा गांधी संस्थान, मॉरीशस के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्ष्ार
कला और संस्कृति की दृष्टि से भारत के करीब है मॉरीशस – माधौ
महात्मा
गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा और मॉरीशस स्थित महात्मा गांधी
संस्थान के बीच मंगलवार दि. 4 जून को शैक्षणिक संबंध सुदृढ़ कर उसे विकसित करने
की दिशा में विश्वविद्यालय के कुलपति विभूति नारायण राय और महात्मा गांधी संस्थान,
मॉरीशस के महानिदेशक बी. माधौ के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गये।
इस
अवसर पर बी. माधौ ने कहा कि भारत और मॉरीशस बहुभाषिक, बहुसांस्कृतिक विविधता वाले
देश हैं। दोनों देश भाषा, कला और संस्कृति की दृष्टि से एक दूसरे के काफी करीब
है। इस समझौते के अंतर्गत हमें हिंदी के माध्यम से पाठ्यक्रम चलाने में हिंदी
विश्वविद्यालय से मदद मिलेगी। महात्मा गांधी संस्थान तथा हिंदी विश्वविद्यालय
में पीएच.डी. में छात्रों को प्रवेश देने
हेतु हम विचार-विमर्श करेंगे। । उन्होंने कहा कि मॉरीशस में दूरशिक्षा के
माध्यम से विभिन्न पाठ्यक्रम चलाने के
लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय से सहायता लेंगे। उन्होंने
माना कि इस समझौते के कार्यान्वित होने पर अध्यापकों और विद्यार्थियों का
आदान-प्रदान संभव होगा। महात्मा गांधी संस्थान हिंदी में अनेक कार्यक्रम चलाना
चाहता है और उन कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने के लिए हमें यहां के अध्यापकों की
आवश्यकता है। बी. माधौ की इस पहल का कुलपति विभूति नारायण राय ने अपने अध्यक्षीय
वक्तव्य में स्वागत करते हुए कहा कि हम साहित्य, भाषा, अनुवाद, जनसंचार और
डायस्पोरा आदि विषयों में अध्ययन-अध्यापन के लिए मॉरीशस की मदद करना चाहेंगे। कुलपति
राय ने कहा कि इस तरह की अकादमिक गतिविधियों के कारण भारत और मॉरीशस के शैक्षणिक
रिश्ते और सुदृढ़ होंगे। कार्यक्रम का संचालन प्रतिकुलपति एवं विदेशी शिक्षण
प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रो. ए. अरविंदाक्षन ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव
डॉ. कैलाश खामरे ने प्रस्तुत किया। समारोह में वित्ताधिकारी संजय गवई, साहित्य
विद्यापीठ के अधिष्ठाता सूरज पालीवाल, अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के अधिष्ठाता
देवराज, साहित्य विभाग के अध्यक्ष के. के. सिंह,डॉ भदंत आनंद कौसल्यायन बौद्ध अध्ययन
केन्द्र के प्रभारी विभागाध्यक्ष डॉ सुरजीत कुमार सिंह , हिंदी अधिकारी राजेश यादव, अतिथि लेखक ऋतुराज, दूधनाथ सिंह, वी. के. शुक्ल,
बहुवचन के संपादक अशोक मिश्र, भाषा विद्यापीठ के सहायक प्रोफेसर अनिल दुबे,
जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे, एआरडी यशराज पाल, डायस्पोरा अध्ययन विभाग के
सहायक प्रोफेसर मुन्नालाल गुप्त आदि सहित छात्र एवं छात्राएं प्रमुखता से
उपस्थित थे।
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