बुधवार, 24 जुलाई 2013

समाजसेवा राजनीति का मुखौटा है – डॉ. शम्‍सूल इस्लाम

हिंदी विवि के संचार एवं मीडिया अध्ययन केंद्र में व्याख्यान

राजनीति आज पूँजीपतियों के हाथ का खिलौना बन गया है। राजनीति करनेवाले समाजसेवा का मुखौटा पहनकर दोनों हाथों से देश की जनता को लूट रहे है, पूँजीपति और राजनीति करनेवाले दोनों जनता को लूटने के लिए ऐसी प्रक्रिया को बनाते है कि जनता खुद समझ ही नहीं पाती की उनका शोषण कहाँ और कैसे हो रहा है, उक्त विचार राजनीति के विख्यात विद्वान तथा दिल्ली विश्‍वविद्यालय के प्रो. डॉ शम्‍सूल इस्लाम ने व्यक्त किए।

महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय वर्धा के संचार एवं मीडिया अध्ययन केंद्र द्वारा राजनीति, मीडिया और धर्मनिरपेक्षता विषय पर आयोजित व्याख्यान में छात्रों को उदबोधन देते समय वे बोल रहे थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के निदेशक प्रो. अनिल के राय ने की । डॉ शम्‍सूल इस्लाम ने राजनीति, मीडिया और धर्मनिरपेक्षता इस तीनों मुद्दों पर अपने स्पष्ट विचार रखे। उन्होंने  धर्मनिरपेक्षता पर सारे धर्म को ही कठघरे में खड़ा किया और इसपर पुन: विवेचना करने की बात कहीं । उन्होंने धर्म को सिर्फ़ उन्माद तो धर्मनिरपेक्षता को लालिपाप बताया। मीडिया को उन्होंने पमरिया का तीसरा रूप कहकर मीडिया के सकारात्मक पहलू पर प्रकाश डालते हुए मीडिया को अंधेरे में एकमात्र रौशनी कहाँ। अपने अध्यक्षीय उदबोधन में प्रो. अनिल के राय ने राजनीति, मीडिया और धर्मनिरपेक्षता इस विषय पर और गहरे अध्ययन की बात कहकर समाज के हर आदमी को अपना निर्णय स्वयं लेने की क्षमता विकसित करने की जरूरत पर ज़ोर दिया। कार्यक्रम में केंद्र के संकाय सदस्य डॉ धरवेश कठेरिया, डॉ अख़्तर आलम, संदीप वर्मा, राजेश लेहकपुरे, रेणु सिंह, अंजनी राय सहित केंद्र छात्र-छात्रएं भारी संख्या में उपास्थित थे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें