इलाहाबाद के बुद्धिजीवियों और संस्कृतिकर्मियों द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के
कुलपति मा. विभूति नारायण राय की मां सरस्वती देवी के निधन पर इलाहाबाद के
बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों और संस्कृतिकर्मियों
द्वारा भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। श्रीमती सरस्वती राय जीवन भर नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा और
ज्ञान का आधार स्तम्भ रहीं। श्रीमती राय ने अपने पैतृक गांव जोकहरा में श्री
रामानन्द सरस्वती पुस्तकालय की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। यह
पुस्तकालय आज पूर्वांचल में ज्ञान के प्रचार-प्रसार में संलग्न है। उल्लेखनीय
है कि छियासी वर्ष की उम्र में वर्धा में हृदयगति रुकने से दिनांक 12 जुलाई 2013
को वे दिवंगत हुईं। इलाहाबाद में श्रद्धांजलि सभा में उनके चारों पुत्र श्री
प्रकाश नारायण राय, श्री
विभूति नारायण राय, श्री विकास नारायण राय, श्री प्रदीप नारायण राय तथा उनकी पुत्री श्रीमती शशिबाला सहित परिवारीजन
एवं अनेक नज़दीकी आत्मीयजन उपस्थित थे। श्रद्धांजलि सभा
में स्थानीय साहित्यकारों में प्रमुख रूप से दूधनाथ सिंह, अजित पुष्कल,
रामजी राय, राजेन्द्र कुमार, मीना राय, सचिन तिवारी, हरिश्चन्द्र पाण्डेय, असरार गांधी, इम्तियाज गाज़ी,
जयकृष्ण राय तुषार, रविनन्दन सिंह,
अशोक सिद्धार्थ, राजलक्ष्मी वर्मा,
ए.ए. फातमी, श्रीप्रकाश मिश्र, हिमांशु
रंजन, सुरेन्द्र राही, जे.पी. मिश्र, यू.एस. राय, सुधांशु मालवीय,
अविनाश मिश्र, अनुपम आनन्द, फखरूल
करीम, नीलम शंकर, अनिल रंजन भौमिक, संदीप भार्गव, विनोद शुक्ल ने दिवंगत सरस्वती
देवी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी
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