नई पीढ़ी ने शाहबाग आंदोलन को जिंदा रखाः अंजन राय
अंजन राय का पुष्पगुच्छ देकर सम्मान करते राजेंद्र राय।
साथ में डा. कृपाशंकर चौबे।
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बांग्लादेश के
वरिष्ठ पत्रकार अंजन राय ने कहा है कि नई पीढ़ी पर यह आरोप गलत है कि वह फेसबुक और
मोबाइल में ही व्यस्त रहती है और कमर के नीचे खिलकाकर पैंट पहनकर फैशन का फूहड़
प्रदर्शन कर रही है। सही तो यह है कि यही नई पीढ़ी जनांदोलनों में बढ़-चढ़कर
हिस्सा लेती है। श्री राय ने कहा कि बांग्लादेश में शाहबाग के जनांदोलन को वहां के
किशोरों ने ही न सिर्फ जीवित रखा, बल्कि उसे फैलाया भी। श्री राय महात्मा गांधी
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कोलकाता केंद्र में जनांदोलन और नई पीढ़ी
विषय पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। श्री राय ने कहा कि
उस पार 1952 में भाषा को लेकर जनांदोलन हुआ था जिसकी परिणति मुक्ति संग्राम के रूप
में हुई। उस संग्राम में भारत की उल्लेखनीय भूमिका रही। मुक्ति संग्राम के
योद्धाओं को मारनेवालों को दंडित करने की मांग को लेकर शाहबाग में आंदोलन शुरू हुआ
जो बांग्लादेश के हर जिले में फैल गया। उन्होंने कहा कि जनांदोलनकर उस पार के
लोगों ने जो हासिल किया, वह इस पार के बंगाल के लोग हासिल नहीं कर पाए।
संगोष्ठी को
बांग्ला पत्रकार सुकुमार मित्र, अरुप रक्षित, एके भट्टाचार्य, अविरंजन कर, शिवब्रत
बसु, राजीव विश्वास और पीयूसीएल के नेता हरेराम चौबे ने भी संबोधित किया और जोर
देकर कहा कि बंगाल के लोग शाहबाग के साथ जनांदोलन के साथ हैं। संगोष्ठी की
अध्यक्षता प्रसिद्ध समाजवादी राजेंद्र राय ने की। संचालन महात्मा गांधी
अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कोलकाता केंद्र के प्रभारी डा. कृपाशंकर
चौबे ने किया। आरंभ में विश्वविद्यालय की तरफ से अंजन राय का सम्मान किया गया।
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