हिंदी विवि में हर्बल होली की धूम
फगुआ की लोक धुन पर थिरका विश्वविद्यालय परिवार
महात्मा
गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के परिसर में पलाश के रंगों से होली मनाई
गई। हर्बल रंगों से सराबोर लोगों ने गुलाल लगाकर एक-दूसरे को होली की शुभकामनाएं
दीं। सुबह से ही लोग खास देसी अंदाज में ढ़ोल-बाजे के साथ फगुआ के लोकगीत में रम
गए। कुलपति निवास में दिन भर ‘जोगीरा सा..रा..रा..’
के बोल में लोग थिरकते रहे।
सहायक प्रोफेसर धनजी प्रसाद व उनकी टोली द्वारा प्रस्तुत
लोकगायन और सुरक्षा कर्मियों के ढ़ोलक की ताल पर कुलपति विभूति नारायण राय, प्रतिकुलपति प्रो.ए.अरविंदाक्षन, कुलसचिव डॉ.के.जी.खामरे, कुलानुशासक प्रो.सूरज पालीवाल, स्त्री अध्ययन के विभागाध्यक्ष
प्रो.शंभू गुप्त भी थिरकने से अपने आपको नहीं रोक पाए।
बिरसा मुण्डा छात्रावास, गोरख पांडेय छात्रावास, सावित्री बाई फुले महिला छात्रावास
के विद्यार्थियों ने आकर्षक ढ़ंग से ढ़ोल बाजे के साथ केदारनाथ संकुल, शमशेर संकुल, अज्ञेय संकुल जाकर खूब मस्ती की।
होली के आकर्षण के केंद्र में था- चीन, जापान,
थाईलैण्ड आदि देशों के बच्चों का रंगोत्सव में शामिल होना।
भोजपुरी, अवधी, मगही, मैथिली,
मराठी आदि बोली में फगुआ के कई गानों का लुफ्त उठाया गया। कुलपति विभूति नारायण
राय ने रंगोत्सव की शुभकामना देते हुए कहा कि यह पर्व असत्य पर सत्य की विजय के
लिए आनंद व उल्लास के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। रंग मात्र से होली नहीं
होती, होली के साथ प्रेम का होना
जरूरी है। हर्बल होली आपलोगों ने खेला, आप सभी को हमारी ढेर सारी शुभकामनाएं। विश्वविद्यालय के अध्यापकों, अधिकारियों, कर्मियों व विद्यार्थियों ने
एक-दूसरे को होली की बधाई दी।
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