रविवार, 20 अक्टूबर 2013



लोकतंत्र का पांचवा स्‍तंभ बने जनसंपर्क – डॉ. अजीत पाठक


हिंदी विश्‍वविद्यालय में जनसंपर्क मीडिया और सामाजिक दायित्‍व पर आयोजित परिसंवाद में पब्लिक रिलेशन्‍स सोसायटी ऑफ इंडिया (पीआरएसआई) के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष डॉ. अजीत पाठक ने कहा कि लोकतंत्र में जनसंपर्क को पांचवें स्‍तंभ के रूप में स्‍थान मिलना चाहिए। इस परिसंवाद की अध्‍यक्षता कुपलति विभूति नारायण राय ने की। इस अवसर पर पीआरएसआई वर्धा चैप्‍टर के अध्‍यक्ष तथा विश्‍वविद्यालय के संचार एवं मीडिया अध्‍ययन केंद्र के निदेशक प्रो. अनिल कुमार राय, पीआरएसआई नागपुर चैप्‍टर के अध्‍यक्ष एस. पी. सिंह मंचस्‍थ थे।
पीआरएसआई वर्धा चैप्‍टर की स्‍थापना समारोह के उपलक्ष्‍य में विश्‍वविद्यालय के हबीब तनवीर सभागार में शुक्रवार आयोजित परिसंवाद में वर्धा के विभिन्‍न केंद्रीय तथा राज्‍य सरकारी कार्यालयों के एवं विभिन्‍न शैक्षणिक संस्‍थाओं के जनसंपर्क अधिकारी, कर्मी, पत्रकार तथा जनसंपर्क के जुड़े छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए डॉ. अजीत पाठक ने कहा कि जनसंपर्क एक ऐसी प्रक्रिया है जो लोगों को जोड़ने का काम करती है। हमारे देश में तो सम्राट अशोक के काल से ही जनसंपर्क चलन रहा है। लोकतंत्र में ही जनसंपर्क हो सकता है और इसकी महत्‍ता को देखते हुए इसे पांचवें स्‍तंभ के रूप में मान्‍यता मिलनी चाहिए क्‍योंकि लोकतंत्र में विद्यमान चार स्‍तंभों के बाद आज लोकतंत्र की मजबूती के लिए जनसंपर्क की जरूरत को देखते हुए जनसंपर्क लोकतंत्र का पांचवां स्‍तंभ कारगर साबित हो सकता है। इस दृष्टि से हमें प्रयास करना चाहिए। उन्‍होंने प्रसार माध्‍यमों में पारदर्शिता और आरटीआई से माध्‍यम से आयी सूचना शक्ति का जिक्र करते हुए कहा कि हमें सामाजिक उत्‍तरदायित्‍व के नाते इस दिशा में प्रभावी अभियान चलाने की आवश्‍यकता है।
अध्‍यक्षीय उदबोधन में कुलपति विभूति नारायण राय ने कहा कि जनसंपर्क के बड़े उदाहरण के रूप में महात्‍मा गांधी को देखा जाता है इसलिए वर्धा में पब्लिक रिलेशन्‍स सोसायटी ऑफ इंडिया के वर्धा चैप्‍टर की स्‍थापना होना एक सार्थक पहल है। उन्‍होंने आशा व्‍यक्‍त की कि इसका लाभ जनसंपर्क से जुड़े कर्मियों के साथ-साथ महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को भी मिलेगा।
पीआरएसआई, नागपुर चैप्‍टर के अध्‍यक्ष एस. पी. सिंह ने कहा कि कुलपति राय की महत्‍वपूर्ण पहल से विश्‍वविद्यालय में 2011 में जनसंपर्क सम्‍मेलन का आयोजन हुआ था और इसी सम्‍मेलन के दौरान पीआरएसआई, वर्धा चैप्‍टर की नींव रखी गयी थी। उन्‍होंने कहा कि काफी कम समय में वर्धा चैप्‍टर ने सक्रीय होकर इस सम्‍मेलन का सफल आयोजन किया, इससे प्रतित होता है कि भविष्‍य में वर्धा चैप्‍टर नई बुलंदियों के साथ आगे बढ़ेगा। वर्धा चैप्‍टर के अध्‍यक्ष प्रो. अनिल कुमार राय ने कहा कि सामाजिक दायित्‍व का निर्वहन करते हुए वर्धा चैप्‍टर विभिन्‍न सामाजिक मुद्दों पर कार्यक्रम आयोजित करेगा। उन्‍होंने वर्धा चैप्‍टर को वर्धा जिले के तमाम शिक्षा एवं सामाजिक संस्‍थान के साथ जोडकर चैप्‍टर के कार्य को और व्‍यापक बनाने पर जोर दिया।
सम्‍मेलन विशेषांक का विमोचन
इस अवसर पर पीआएसआई, वर्धा चैप्‍टर द्वारा प्रकाशित सम्‍मेलन विशेषांक का विमोचन मंचासीन अतिथियों के द्वारा किया गया।
प्रारंभ अतिथियों का स्‍वागत चरखा एवं पुष्‍पगुच्‍छ प्रदान कर किया गया। कार्यक्रम का संचालन पीआरएसआई, वर्धा चैप्‍टर के सचिव बी. एस. मिरगे ने किया तथा धन्‍यवाद ज्ञापन पीआरएसआई के सदस्‍य राजेश लेहकपुरे ने प्रस्तुत किया।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें