हिंदी विश्वविद्यालय में हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ
निबंध, सुलेख और वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन हुआ
सरकारी कामकाज और आम लोगों के बीच राजभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के
लिए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय ,वर्धा में हिंदी पखवाड़े का शुभारंभ हो चुका है। सोमवार से शुरु हुए
हिंदी पखवाड़े के तहत विश्वविद्यालय के रोजाना के कागजी कामकाज में ज्यादा से
ज्यादा हिंदी भाषा का प्रयोग किया जाएगा और हस्ताक्षर करने व दूसरी कागजी
कारवाईयों में हिंदी भाषा के प्रयोग करने को लेकर कर्मचारियों को प्रोत्साहित किया
जाएगा। विश्वविद्यालय के हिंदी अधिकारी राजेश कुमार यादव ने बताया कि 2 सिंतबर से
16 सितंबर तक चलने वाले हिंदी पखवाडे का प्रारम्भ सुलेख प्रतियोगिता के साथ हुआ। 2
सिंतबर को विश्वविद्यालय के एमटीएस कर्मचारियों के लिए सुलेख प्रतियोगिता का
आयोजन किया गया जिसमें कर्मचारियों ने काफी उत्साह से प्रतिभागिता की। विश्वविद्यालय
के अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के सभागार में आयोजित इस प्रतियोगता में निर्णायक
के रूप में मनोज द्विवेदी , शंभु दत्त सती और के. के. त्रिपाठी
उपस्थित थे। 4 सितंबर को वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता के
निर्णायक डॉ बीरपाल यादव, राकेश मिश्र और संदीप सपकाले थे।
विद्वान निर्णायकों का जोर था की कि हमें निश्चित ही अंग्रेजी और अन्य भाषाएं
सीखनी चाहिए परंतु यह भी ध्यान रखना होगा कि इससे राष्ट्रभाषा को नुकसान न हो। 6
सितंबर को आयोजित हिंदी निबंध प्रतियोगिता में“हिंदी की उन्नति से देश की उन्नति” शीर्षक दिया गया और प्रतिभागियों ने
बड़े ही मनमोहक निबंध लिखे I इस
अवसर पर विश्वविद्यालय की पत्रिका बहुवचन के संपादक श्री अशोक मिश्र ने कहा कि मातृ भाषा हमारी सांसों में बसती है। हम अपने सपने भी हिंदी भाषा में
ही देखते हैं। प्रेम की भाषा हिंदी है। हमें अपनी भाषा पर गर्व होना चाहिए। डॉ
एम.एम मंगोडी ने इस अवसर पर कहा कि हिंदी भाषा गैर हिंदी भाषियों के हाथों में
अधिक सुरक्षित है। उन्होंने गांधी जी के शब्दों का उल्लेख करते हुए कहा कि सच्चा
सुराज हिंदी के रास्ते ही आ सकता है। डॉ अनवर अहमद सिद्दकी ने कहा कि हिंदी की उन्नति
के द्वारा देश की भी उन्नति होगी। उन्होंने कहा कि हिंदी को अपने जीवन में
उतारे। पखवाड़े का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह 16 सितंबर को विश्वविद्यालय
के कुलपति विभूति नारायण राय की अध्यक्षता में संपन्न होगा । पखवाड़े के दौरान हिंदी
टंकण और काव्य पाठ प्रतियोगिताओं का आयोजन भी किया गया।
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