हिंदी विश्वविद्यालय में तीन दिवसीय मानवविज्ञान प्रदर्शनी का उदघाटन
क्षेत्रीय मानवविज्ञान संग्रहालय,
मध्य क्षेत्रीय केंद्र, भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण,
नागपुर एवं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय,
वर्धा के मानवविज्ञान विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ’मानव
उदभव, उदविकास एवं जैव सांस्कृतिक विविधता’
प्रदर्शनी का उदघाटन गुरुवार दि. 05 सितंबर को विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति
प्रो. ए. अरविंदाक्षन द्वारा किया गया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. के. जी. खामरे, उपकुलसचिव
पी. एस. सिंह, भारतीय मानवविज्ञान सर्वेक्षण, मध्य क्षेत्रीय केंद्र, नागपुर के
के. रवि, प्रो. अनिल कुमार राय, रामानुज अस्थाना, अशोक नाथ त्रिपाठी, प्रदीप
दाते, मानवविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. फरहद मलिक, डॉ. एस. गंगोपाध्याय, प्रो.
बी. एम. मुखर्जी, डॉ. मनोज राय, के. के. त्रिपाठी, अशोक मिश्रा, राजीव रंजन राय, सहायक
प्रोफेसर निशीथ राय, राजेश यादव, संग्रहालय के प्रभारी वीरेन्द्र यादव, बी. एस.
मिरगे, अमित विश्वास, जे. बी. साइंस महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. ओम महोदय, सहायक
प्रोफेसर एस. वी. बावनकर, हिरल पाडिया, एस. वी. थावरी, ए. डी. थेंग, प्रगति
देशमुख, वनिता निमजे आदि सहित छात्र-छात्राएं बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
यह प्रदर्शनी 7 सितंबर तक चलेगी। प्रदर्शनी में मुख्यत: लाखों वर्षों का मानव अस्तित्व, उदविकास, विभिन्नताएँ, मानव देशांतरण, मानव जीनोम, नर्मदा घाटी एवं शिवालिक क्षेत्र में पाए गए अस्थि अवशेष एवं विभिन्न प्रकार के पाषाण उपकरण, औजारों आदि को दर्शाया गया है। साथ ही प्रदर्शनी में मध्य भारत में निवास करने वाली प्रमुख जनजातियाँ जैसे बैगा, भारिया, मुरिया, माडि़या, कोलाम आदि के उदभव, उदविकास, अनुकूलन एवं जैव सांस्कृतिक विविधताओं के साथ उनके पशुपालन, मछली मारना एवं शिल्पकला इत्यादि को प्रमुख रूप से दर्शाया गया है। प्रदर्शनी में जनजातियों पर बने वृतचित्र एवं लोक गीतों एवं नृत्यों के चलचित्रों को भी प्रस्तुत किया गया। यह प्रदर्शनी सभी के लिए नि:शुल्क है। आयोजकों ने आहवान किया है कि प्रदर्शनी को देखने, जानकारी लेने अधिक से अधिक संख्या में स्थानीय निवासी, स्कूल एवं कालेज के छात्र-छात्राएँ अवश्य पहुँचे और ’मानव उत्पत्ति, उदविकास एवं जैव सांस्कृतिक विविधता की जानकारी से लाभान्वित हों। प्रदर्शनी का समय सुबह 10 बजे से शाम 6 बजे तक रहेगा।
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