गुरुवार, 5 सितंबर 2013


हिंदी विश्‍वविद्यालय के अध्‍यापकों को शिक्षक दिवस पर लॉयन्‍स क्‍लब ने किया सम्‍मानित

शिक्षक दिवस के अवसर पर महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय तथा लॉयन्‍स क्‍लब व लॉयनेस क्‍लब, वर्धा के संयुक्‍त तत्‍वावधान में हबीब तनवीर सभागार में आयोजित शिक्षक सम्‍मान समारोह में विश्‍वविद्यालय के अध्‍यापकों को सम्‍मानित किया गया। समारोह की अध्‍यक्षता लॉ. एम. जे. एफ. ज्ञानेश्‍वर वांदिले ने की। इस अवसर पर प्रमुख अतिथि के रूप में विश्‍वविद्यालय के प्रतिकुलपति प्रो. ए. अरविंदाक्षन तथा कुलसचिव डॉ. कैलाश खामरे, लॉयन्‍स क्‍लब की अध्‍यक्ष रंजना दाते, लॉयनेस पुष्‍पा मोहोड, डॉ. विनोद अदलखिया, अभिजीत श्रावणे मंचासीन थे। समारोह में  विश्‍वविद्यालय के साहित्‍य विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. सूरज पालीवाल, अनुवाद एवं निर्वचन विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. देवराज, मानविकी एवं समाजविज्ञान विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. अनिल कुमार राय, सृजन विद्यापीठ के अधिष्‍ठाता प्रो. सुरेश शर्मा तथा भाषा विद्यापीठ के प्रभारी अधिष्‍ठाता डॉ. विजय कौल को स्‍मृतिचिन्‍ह, शॉल एवं श्रीफल प्रदान कर सम्‍मानित किया गया।

समारोह का प्रारंभ अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्‍ज्‍वलन से किया गया। इस अवसर पर उदबोधन देते हुए प्रतिकुलपति प्रो. ए. अरविंदाक्षन ने कहा कि समाज को बनाने की दिशा में संयुक्‍त भागीदारी के प्रयास से इस प्रकार का आयोजन विश्‍वविद्यालय परिवार के लिए महत्‍वपूर्ण है। सामाजिक भागीदारी से शिक्षा क्षेत्र में कार्यरत लोगों को सम्‍मानीत किए जाने से हम सुधार की दिशा में और आगे बढ़ सकेंगे। अध्‍यक्षीय वक्‍तव्‍य में लॉयन्स के 323 एच 1 के प्रांतपाल एम.जे. एफ. ज्ञानेश्‍वर वांदिले ने शिक्षक और छात्रों के बीच के संबंधों को और पुख्‍ता बनाने के लिए यह हमें कार्य करना होगा। लॉयन्‍स क्‍लब इस शिक्षा और सामाजिक क्षेत्र में अपनी अहम भागीदारी करते हुए इस प्रकार के आयोजन विश्‍वविद्यालय में भविष्‍य में भी करेगा। कुलसचिव डॉ. कैलाश खामरे ने कहा कि विश्‍वविद्यालय के स्‍तर पर भी शिक्षा दिवस के अवसर पर शिक्षकों को सम्‍मानित करने की परंपरा महाराष्‍ट्र के अनेक विश्‍वविद्यालयों में है। यह परंपरा इस विश्‍वविद्यालय में शुरू करने की मंशा थी वह आज विश्‍वविद्यालय और लॉयन्‍स क्‍लब के इस संयुक्‍त आयोजन से पूरी हुई है। लॉयन्‍स की अध्‍यक्ष रंजना दाते ने कहा कि यह विश्‍वविद्यालय वर्धा शहर का सम्‍मान है और इसमें कार्यरत शिक्षकों का सम्‍मान करते हुए हम सम्‍मानित हो रहे हैं। विद्या के क्षेत्र में इस विश्‍वविद्यालय का महत्‍वपूर्ण योगदान हम सभी के लिए प्रेरणा बनेगा। प्रो. देवराज ने अपनी भावनाएं प्रकट करते हुए कहा कि विश्‍वविद्यालय महाराष्‍ट्र में स्‍थापित होने की वजह से हमें चाहिए कि यहां के जीवन, मिट्टी, भाषा, संस्‍कार और संस्‍कृति से जुड़े रहे। उन्‍होंने कहा कि अच्‍छाई के लिए तो पीठ जरूर थपथपाइए, परंतु गलती होने पर टोकना भी चाहिए। इस दौरान सम्‍मानित अधिष्‍ठाता प्रो. सुरेश शर्मा, प्रो. अनिल कुमार राय, प्रो. सूरज पालीवाल तथा विजय कौल ने भी अपनी भावनाएं प्रकट की और सम्‍मान के प्रति आभार जताया। समारोह का संचालन स्‍मीता बढिये व ऋतुराज चुडिवाले ने किया तथा धन्‍यवाद ज्ञापन जनसंपर्क अधिकारी बी. एस. मिरगे ने किया। समारोह में विश्‍वविद्यालय की डॉ. अन्‍नपूर्ण चर्ले, डॉ. अनिल कुमार पाण्‍डेय, डॉ. अनवर अहमद सिद्दीकी, डॉ. रामानुज अस्‍थाना, डॉ. ए. एन. त्रिपाठी, डॉ. हरीश हुनगुंद, डॉ. सतीश पावडे, डॉ. रयाज हसन, सहायक प्रोफेसर अख्‍तर आलम, रेणु सिंह, राजेश लेहकपुरे, संदीप वर्मा, समारोह के संयोजक प्रदीप दाते, लॉयन चंद्रशेखर इंगोले, गिरीश उपाध्‍याय, प्रदीप पसिने, प्रतिभा वालके, विश्‍वास भांबुरकर, बोरकर, नौशाद बक्‍श, बाबा मोहोड, हेमलता इंगोले, अंकुश कत्रोजवार सहित विश्‍वविद्यालय के छात्र-छात्राएं बड़ी संख्‍या में उपस्थित थे। 

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