भाषा एक हथियार हैः केदारनाथ सिंह
महात्मा गांधी
अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को आटोग्राफ देते केदारनाथ
सिंह
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हिंदी के विशिष्ट कवि केदारनाथ सिंह ने कहा
है कि हमारे पास भाषा एक हथियार है जिसका सही इस्तेमाल करना चाहिए। डा. सिंह आज
महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के कोलकाता केंद्र में पत्रकारिता
और साहित्य पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हिंदी
पत्रकारिता ने ही हिंदी गद्य का निर्माण किया। एक समय था जब हिंदी साहित्य और
पत्रकारिता में गहरा संबंध था। लेकिन आजादी के बाद उसमें विलगाव पैदा हो गया। उन्होंने
कहा कि आज हिंदी पत्रकारिता में भाषा और वर्तनी को लेकर अराजकता है। इससे आज के
पत्रकारों को पार पाना होगा।
प्रो. सिंह ने कहा कि भारतीय भाषाओं की
पत्रकारिता अंग्रेजी पत्रकारिता से कहीं से कमतर नहीं है। उन्होंने निखिल
चक्रवर्ती का संस्मरण सुनाते हुए कहा कि निखिल दा अंग्रेजी का पत्रकार होने के बावजूद
अपने को अद्यतन रखने के लिए आनंद बाजार पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि हिंदी
पत्रकारिता के विकास में स्वाधीनता आंदोलन का बहुत बड़ा योगदान है। संगोष्ठी में
फातिमा कनीज, सोनी कुमारी सिंह, उपेंद्र शाह, अम्बरीन अरशद, करुणा गुप्ता, जया
तिवारी, विनय कुमार प्रसाद, अभिषेक कुमार शर्मा और अमित कुमार राय ने भी भाग लिया।
इस अवसर पर प्रो. सिंह ने श्रेष्ठ आशु अनुवाद के लिए वेब पत्रकारिता में
स्नातकोत्तर डिप्लोमा की छात्रा अम्बरीन अरशद को सम्मानित किया। आखिर में कोलकाता
केंद्र के प्रभारी डा. कृपाशंकर चौबे ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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