बुधवार, 11 सितंबर 2013

सदस्‍यों को ऋणग्रस्‍त नहीं ऋणमुक्‍त करना ही सहकारिता का लक्ष्‍य


महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय कर्मचारियों की साख संस्‍था के संचालक मंडल के सदस्‍यों के लिए हाल ही में एक त्रिदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्‍न हुआ। विश्‍वविद्यालय की पहली इमारत प्रथमा में साख संस्‍था के कार्यालय का उद्घाटन कुलपति विभूति नारायण राय ने किया। उन्‍होंने प्रमुख अतिथि के रूप में उपस्थित सहकारी संस्‍था, वर्धा के सहायक निबंधक श्री जयंत तलमले और सहायक अधिकारी श्री डी. एच रोहणकर का स्‍वागत करते हुए कहा कि सहकारिता आंदोलन को गति देने हेतु इस प्रकार के प्रशिक्षण महत्‍वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। महाराष्‍ट्र राज्‍य सहकारी संघ, पुणे तथा सहायक निबंधक कार्यालय सहकार संस्‍था,  वर्धा की ओर से प्रशिक्षक के रूप में सह प्रशिक्षण केंद्र नागपुर के सेवानिवृत्‍त प्राचार्य एस. जे जगनाडे तथा मोहन चिचपाणे ने मार्गदर्शन किया। उन्‍होंने सहकारिता आंदोलन के इतिहास उसकी उपयोगिता और चुनौतियों के साथ ही इस बात पर भी प्रकाश डाला कि संचालकों और सदस्‍यों के अधिकार तथा कर्तव्‍य क्‍या हैं। अपने सदस्‍यों के आर्थिक हितों के संरक्षण तथा अभिवृद्धि हेतु संचालक मंडल को किन बातों का ध्‍यान रखना चाहिए। सदस्‍यों को ऋणग्रस्‍त नहीं ऋणमुक्‍त करना ही लक्ष्‍य होना चाहिए। कुलसचिव डॉ. कैलाश खामरे ने इस दिशा में सहकारी संस्‍था,  वर्धा एवं डॉ. अनिल कुमार दुबे के नेतृत्‍व में उनके संचालक मंडल के सदस्‍यों द्वारा की गई कार्रवाई की प्रशंसा की। वित्‍ताधिकारी श्री संजय बी. गवई ने संस्‍था की उन्‍नति में हर प्रकार के सहयोग का आश्‍वासन दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन श्री विजय पवार सहण शिक्षणाधिकारी वर्धा ने तथा आभार प्रदर्शन साख संस्‍था के सचिव श्री राजेश अरोड़ा ने किया। इस अवसर पर संचालक मंडल के सदस्‍य डॉ. एम.एम. मंगोड़ी, डॉ.रामानुज अस्‍थाना, डॉ. बीर पाल सिंह यादव,  हेमलता गोडबोले,  संगीता मालवीया,  ज्‍योतिष पायेड,  के. के.त्रिपाठी, गिरीश चंद्र पाण्‍डेय,  पवन कुमार, अमित पांडे, विजयपाल पांडेय के अलावा डॉ. अशोक नाथ त्रिपाठी,  विनोद वैद्य,  संजय तिवारी,  सचिन हाडके सहित बड़ी संख्‍या में शिक्षक एवं शिक्षकेतर अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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